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हरियाणा में अवैध खनन कार्य
चर्चा में क्यों?
हाल ही में खनन माफिया ने नूंह ज़िले के घाटा शमशाबाद गाँव में अवैध खनन कार्य के निरीक्षण के दौरान हरियाणा राज्य प्रवर्तन ब्यूरो के अधिकारियों को कथित रूप से घायल कर दिया।
प्रमुख बिंदु
- घटना के बारे में:
- राज्य प्रवर्तन ब्यूरो की टीम को पथराव में चोटें आईं और वे बाल-बाल बच गईं।
- पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता और अन्य कानूनों के तहत 22 अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) दर्ज की।
- अवैध खनन:
- परिचय:
- अवैध खनन, सरकारी प्राधिकारियों से आवश्यक परमिट, लाइसेंस या विनियामक अनुमोदन के बिना भूमि या जल निकायों से खनिजों, अयस्कों या अन्य मूल्यवान संसाधनों का निष्कर्षण है।
- इसमें पर्यावरण, श्रम और सुरक्षा मानकों का उल्लंघन भी शामिल हो सकता है।
- समस्याएँ:
- पर्यावरण का क्षरण:
- इससे वनों की कटाई, मृदा अपरदन, जल प्रदूषण हो सकता है तथा वन्य जीवों के आवास नष्ट हो सकते हैं, जिसके गंभीर पारिस्थितिक परिणाम हो सकते हैं।
- खतरे:
- अवैध खनन में प्रायः पारा और साइनाइड जैसे खतरनाक रसायनों का उपयोग होता है, जो खनिकों और आस-पास के समुदायों के लिये गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा कर सकते हैं।
- राजस्व की हानि:
- इससे सरकारों को राजस्व की हानि हो सकती है, क्योंकि खननकर्त्ता उचित कर और रॉयल्टी का भुगतान नहीं करते हैं।
- इसका महत्त्वपूर्ण आर्थिक प्रभाव हो सकता है, विशेषकर उन देशों में जहाँ प्राकृतिक संसाधन राजस्व का प्रमुख स्रोत हैं।
- मानवाधिकार उल्लंघन:
- अवैध खनन के परिणामस्वरूप मानव अधिकारों का उल्लंघन भी हो सकता है, जिसमें जबरन श्रम, बाल श्रम और कमज़ोर आबादी का शोषण शामिल है।
- पर्यावरण का क्षरण:
- परिचय:
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